देवों के देव महादेव

 देवताओं में क्यों महान हैं महादेव ?

धार्मिक उन्माद के इस युग में आज निहित स्वार्थी तत्वों ने आडम्बर और वृहद अनुष्ठानों की आड़ लेकर धर्म को धन-बल प्रदर्शन का साधन बना लिया है. वहीं श्रावण में शिव संदेश देते हैं कि ‘मुझ पर सिर्फ गंगा जल और बेलपत्र चढ़ाओ और वरदान में मुझसे जीवन की सारी खुशियां ले जाओ.’ बैद्यनाथ धाम मंदिर से सटी दुकानों में हमारे मुसलमान भाई बाबा के रंग में रंगकर सुहाग की चूड़ियां बेचते हैं. देवघर के कैदी प्रतिदिन बाबा बैद्यनाथ पर अर्पित होनेवाले फूलों के श्रृंगार बनाते हैं औरजेल से बाबा मंदिर तक ‘बम भोले का जयकारा’ करते हुए प्रतिदिन आते हैं. कांवड़ मार्ग पर कोई छोटा-बड़ा नहीं- सिर्फ बम है- बड़ा बम, छोटा बम, मोटा बम, माता बम, न अमीर-न गरीब, न ऊंच-न नीच! बस बम शंकर के भक्त बम! ‘बोल बम.’ शिव का स्वरूप विराट है. इसका कोई आर-पार नहीं. और उनका यह विराट स्वरूप मानो श्रावणी मेले में साकार हो जाता है. कुमार कृष्णन

 
 
Don't Miss