यहां खौलते तेल के कड़ाह में कूद जाते थे राजा कर्ण

मां चंडिका स्थान: यहां खौलते तेल के कड़ाह में कूद जाते थे राजा कर्ण, पढ़ें रोचक कथा

चंडिका स्थान के मुख्य पुजारी नंदन बाबा बताते हैं कि वैसे तो इस स्थान पर सालभर देश के विभिन्न क्षेत्रों आए मां के भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्र में माता चंडिका की पूजा का महत्व बढ़ जाता है. वह कहते हैं, "चंडिका स्थान एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है. नवरात्र के दौरान सुबह तीन बजे से ही माता की पूजा शुरू हो जाती है. संध्या में श्रृंगार पूजन होता है. अष्टमी के दिन यहां विशेष पूजा होती है. इस दिन माता का भव्य श्रृंगार किया जाता है. यहां आने वाले लोगों की सभी मनोकामना मां पूर्ण करती हैं." (आईएएनएस)

 
 
Don't Miss