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- क्यों मनाते हैं बकरीद और क्या है कुर्बानी की अहमियत?

इस्लामी तारीख के मुताबिक हजरत इब्राहीम का एक और इम्तहान खुदा ने उस वक्त लिया जब इस्माईल थोड़े बड़े हो गए थे. इस बार खुद का हुक्म था कि हजरत इब्राहीम दुनिया में अपनी सबसे प्यारी चीज को खुदा की राह में कुर्बान कर दें. हजरत इब्राहीम के लिए अपने बेटे इस्माईल से ज्यादा कोई प्यारा नहीं था और खुदा के हुक्म का एहतराम करते हुए वह अपने बेटे को कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए.
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