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- इस मंदिर में अपना सिर चढ़ाते थे राजा विक्रमादित्य

महाकाल के मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों ओर भैरव जी की मूर्तियां हैं. गर्भगृह में तीन मूर्तियां हैं. सबसे ऊपर अन्नपूर्णा, मध्य में हरसिद्धि तथा नीचे माता कालका विराजमान हैं. इस मंदिर का पुनर्निर्माण मराठों के शासनकाल में हुआ था. यहां दो खंभे हैं जिस पर दीप प्रज्जवलित किए जाते हैं.
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