मकर संक्रांति: उड़ी-उड़ी रे पतंग...

मकर संक्रांति: उड़ी-उड़ी रे पतंग...

उन्होंने बताया कि लाल, हरी, नीली, पीली आदि रंग-बिरंगी पतंगें जब आसमान में लहराती हैं तो ऐसा लगता है मानो इन पतंगों के साथ हमारे सपने भी हकीक़त की ऊंचाइयों को छू रहे हैं और हम सभी सारे गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे की पतंगों के पेंच लड़ाते हैं।

 
 
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