दम तोड़ रही सहरी जगाने की परम्परा

Photos: सिमटती जा रही है सहरी जगाने की परम्परा

फेरीवालों की रवायती हरी लचकदार सदरी और पगड़ी पहने मन्नान ने बताया कि फेरीवाले फकीर रात करीब डेढ़ बजे टोलियों में बंटकर शहर के अलग-अलग मुहल्लों में जाकर लोगों को सहरी के लिये जगाते हैं.

 
 
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