नवरात्र: मां कात्यायनी की उपासना का दिन

नवरात्र का छठा दिन: मां कात्यायनी दुर्गा की उपासना

मां कात्यायनी प्रसिद्ध महर्षि कत के पुत्र ऋषि कात्य के गोत्र में महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे. उन्होंने भगवती पराम्बा की घोर उपासना की और उनसे अपने घर में पुत्री के रूप में जन्म लेने का आग्रह किया. कहते हैं, महिषासुर का उत्पात बने पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों के तेज के अंश से देवी कात्यायनी महर्षि कात्यायन की पुत्री के रूप में उत्पन्न हुई थीं. मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं. ये ब्रजमण्डल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं. इनका वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला और भास्वर है. इनकी चार भुजाएं हैं. आगे देखें मां कात्यायनी की कुछ तस्वीरें...

 
 
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