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बीते माह 16-17 जून को ग्लेशियर फटने के बाद दक्षिण की ओर झील फट गई. नतीजतन केदारनाथ से हरिद्वार तक तबाही हुई, साथ ही पूरा देश प्रभावित हुआ. सरोवर के किनारे भू-गर्भ विज्ञान संस्थान ने ओटोमेटिक वेदर सिस्टम स्थापित किया गया था. सरोवर के सुरक्षित छोर पर स्थित होने के कारण वेदर स्टेशन का एंटीना आज भी खड़ा है मगर वहां रखे उपकरण नष्ट हो गए हैं. इस केंद्र से केदारनाथ हिमालय के मौसम, वहां का तापमान, आद्र्रता, बारिश, बर्फबारी, हवा की गति और दिशा संबंधी आंकड़े जुटाए जाते थे.
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