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- सुहाग का व्रत करवाचौथ

समर्पण के लिए दोनों के बीच सहभागिता होना जरूरी है. ऐसा तभी संभव है, जब मन से मन मिलें. मिलन की इसी घड़ी को कहते हैं करवा चौथ. यह कृष्ण पक्ष की चंद्रोदयव्यापिनी चतुर्थी को होता है. करवाचौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के पीछे मन को मन से जोड़ने का भाव होता है. जीवन के झंझावातों से निकलने की कोशिश का नाम है करवा चौथ. इसीलिए इस पर्व को दाम्पत्य का महापर्व कहा गया है. सनातनी परंपरा में पारिवारिक सुख पाने के लिए शिव पूजा का विधान बताया गया है. इसकी वजह है उनका भरा-पूरा परिवार.
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