करवाचौथ: जानें, पूजा का मुहूर्त और कब होंगे चंद्रदर्शन

करवाचौथ: सौ वर्ष बाद बन रहा ऐसा संयोग, जानिए पूजा का मुहूर्त और कब होंगे चंद्रदर्शन

करवाचौथ का महात्म्य : आचार्य पंडित शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार पांडवों के वनवास के समय जब अर्जुन तप करने इंद्रकील पर्वत की ओर चले गए तो बहुत दिन तक उनके वापस न लौटने पर द्रौपदी को चिंता हुई. कृष्ण ने आकर द्रौपदी की चिंता दूर करते हुए करवाचौथ का व्रत बताया और इस संबंध में जो कथा शिव जी ने पार्वती को सुनाई थी, वह भी सुनाई. द्रौपदी ने इस व्रत को किया. इस व्रत के सबंध में गणेश पूजा से जुड़ी एक वृद्ध महिला की लोक कथा भी प्रचलित है.

 
 
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