क्यों मनाते हैं लोहड़ी? जानिए, कहानी

क्यों मनाते हैं लोहड़ी? जानिए, कहानी

पंजाब में इस दिन बच्चे सुबह से ही घर-घर जाकर लकड़ियां मांगते हैं. लोहड़ी के लिए लकड़ियां एकत्र करते समय दुल्ला भट्टी की प्रशंसा में ही गीत गाए जाते हैं. ‘सुंदर मुंदरिये होय, तेरा कौन बेचारा होय. दुल्ला भट्टी वाला होय, दुल्ले धी बिआई होय. सेर शक्कर पाई होय, कुड़ी दे बोझे पाई होय, कुड़ी दा लाल हताका होय. कुड़ी दा सालु पाटा होय, सालू कौन समेटे होय.’ लोहड़ी के दिन यह गीत भी खूब गाया जाता है. ‘देह माई लोहड़ी, जीवे तेरी जोड़ी, तेरे कोठे ऊपर मोर, रब्ब पुत्तर देवे होर, साल नूं फेर आवां.’

 
 
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