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- एक था ‘घंटेवाला’

हालांकि उन्होंने इस दुकान के दोबारा खुलने की संभावना से इंकार नहीं किया. प्रशांत ने कहा ‘हम जानते हैं कि घंटेवाला की यह ऐतिहासिक दुकान कितनी अहमियत रखती है. संभव है कि हम भविष्य में एक बार फिर इस पारिवारिक कारोबार को आगे ले जाने का प्रयास करें. फिलहाल हम अपनी दुकान या पुरानी मशीनों को नहीं बेचेंगे.’
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