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- एक था ‘घंटेवाला’
प्रशांत ने कहा ‘इस दुकान को हम पिछली आठ पुश्तों से चला रहे थे लेकिन अब बाजार में देशी घी के बजाय रिफाइंड या डालडे की मिठाइयां बिकने लगी हैं. शुद्ध घी की मिठाइयां पसंद करने वाले घट गये हैं और दूसरों को इसका मूल्य समझ में नहीं आता.’ घंटेवाले की फव्वारे स्थित दुकान को हाल ही में बंद किया गया है जबकि पास ही स्थित एक अन्य दुकान को 10 वर्ष पहले बंद कर दिया गया था.
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