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- खुशियां बिखेरता राजधानी का ‘रावण का साम्राज्य’

रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद को आकार दे रहे राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से लेकर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद आदि जिलों के इन 600-700 कलाकारों में बंजारा से लेकर गाड़ियां लुहार भी हैं जो आम दिनों में रोजी रोटी के लिए छोटे मोटे विभिन्न काम करते हैं लेकिन जीविका की गाड़ी इसी पुतले से चलती है. पारंपरिक पुतलों के साथ ही मौजूदा माहौल और अलग-अलग थीम का भी असर दिखता है.
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