सुभाष घई की 'कांची' को बॉक्स ऑफिस पर सफलता की पूरी उम्मीद

Last Updated 19 Apr 2014 04:33:28 PM IST

वॉलीबुड के शोमैन सुभाष घई की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'कांची' 25 अप्रैल को रिलीज़ हो रही है.




'कांची' की मिष्ठी को सफलता की उम्मीद

इस फिल्म की मुख्य किरदार मिष्ठी को पूरा भरोसा है कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़ेगी.

फिल्म के निर्माता सुभाष घई फिल्म की नवोदित अभिनेत्री मिष्ठी और अभिनेता इंद्राणी चक्रवर्ती और कार्तिक तिवारी के साथ 'समय' चैनल पर आए और फिल्म के बारे में बातचीत की.
जैसा कि सुभाष घई की पिछली फिल्मों में कोई संदेश और देशभक्ति की भावना की मिश्रण होता है फिल्म कांची में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है.

फिल्म कांची की रिलीज का समय भी परफेक्ट माना जा रहा है क्योंकि इस फिल्म में ग्रामीण भारत के दुख दर्द को फिल्माया गया है.

गौरतलब है कि भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं और देश को दहला देने वाले दिल्ली के निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा और विकास का मुद्दा फिल्मकारों का बेहद पसंदीदा विषय है.

फिल्म कांची से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत करने वाली मीठी सी अभिनेत्री मिष्ठी ने बातचीत में कहा कि मेरे उपर खासा दबाब था और मैं समझ नहीं पा रही थी कि मैं नर्वस हूं कि खुश?

तकरीबन पांच साल बाद रूपहले पर्दे पर लौटे बॉलीवुड के डॉयरेक्टर प्रोड्यूसर शोमैन सुभाष घई का कहना है कि फिल्म समाज को सशक्त संदेश देती है और फिल्म की हीरोइन मिष्ठी के मुंह से निकले डॉयलाग लोगों को हिला देंगें. फिल्म में मिष्ठी का एक डॉयलाग है 'करप्शन हमारे खून में है'.

घई को फिल्म से खासी उम्मीदें हैं और उनका कहना है फिल्म मुख्य किरदार कांची के इर्द गिर्द घूमती है, कांची जिसने गांव की की एक सुंदरी की किरदार निभाया है जो अकेले ही भ्रष्टाचार और अन्नाय के खिलाफ लड़ती है.

क्या ये फिल्म दिसंबर 2011 के निर्भया कांड से प्रेरित है? इसके जबाब में सुभाष घई का कहना था कि हां क्यों नहीं क्योंकि गांवों में रहने वाले तमाम लोग अपनी समस्याओं और गलत सरकारी नीतियों के विरोध में अपना गुस्सा दिखाने के लिए कैंडल मार्च का सहारा नहीं लेते हैं.

फिल्म की हीरोइन मिष्ठी कहती है कि फिल्म एक सशक्त संदेश देती है कि आप खुद के भाग्यविधाता है और करप्शन आपके अंदर ही है और लोग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में ही लगा रहते हैं.

फिल्म निर्माता सुभाष घई कहते हैं कि ये फिल्म पॉलीटिकल ड्रामा नहीं है बल्कि फिल्म के अंत में ग्रामीण युवा का दर्द निकलकर सामने आया है.

फिल्म सुभाष घई की अन्य फिल्मों से अलग है मगर स्टाइल वही है जिसके लिए सुभाष घई जाने जाते हैं और फिल्म का म्यूज़िक तो बेहतर बताया जा रहा जोकि शोमैन की फिल्मों का प्लस प्वाइंट होता है.

इस फिल्म से शुरुआत कर रही अभिनेत्री मिष्ठी को अपने आगामी फिल्मी करियर को लेकर खासी उम्मीदें हैं.




 

 



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