कोयले की 218 खानों पर सुप्रीम कोर्ट सुना रही फैसला
उच्चतम न्यायालय अवैध तरीके से आवंटित 218 कोयला खानों के बारे में निर्णय सुनाएगा.
सुप्रीम कोर्ट |
न्यायालय खानों के बारे में दोपहर दो बजे अपना निर्णय सुनाएगा.
न्यायालय ने इन खानों के आवंटन को अवैध करार दिया है.
वहीं सरकार का दावा है कि इसमें 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.
शीर्ष अदालत ने 25 अगस्त को दिये अपने आदेश में कहा था कि 1993 से केंद्र की विभिन्न सरकारों द्वारा आवंटित कोयला खानें अवैध और मनमाने तरीके से आवंटित किये गये हैं.
कोर्ट से मिलेगा न्याय: जिंदल
जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा कि उनकी कंपनी ने अच्छा काम किया है और उन्होंने कोयला ब्लाक आवंटन मामले में उच्चतम न्यायालय से न्याय मिलने की उम्मीद जताई.
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के कोयला सम्मेलन के दौरान जिंदल ने संवाददाताओं से कहा, ‘न्यायपालिका में मेरी पूरी आस्था है और मैं इसका आदर करता हूं. हमें निश्चित तौर पर न्याय मिलेगा. हमने कई अच्छे काम किए हैं.’
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने 218 कोयला ब्लाक आवंटनों के भविष्य पर 9 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायालय ने इन आवंटनों को अवैध करार दिया था.
कोयला मंत्रालय ने ओड़िशा में उत्कल बी.1 और झारखंड में जीतपुर जैसे संयंत्रों के लिए जेएसपीएल को उसके निजी इस्तेमाल के लिये कैप्टिव कोयला ब्लॉक आवंटित किए थे.
जिंदल ने कहा कि भारत में कोयले के इतने विशाल भंडार हैं कि इसका आयात करने की जरूरत ही नहीं है.
उन्होंने देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिये यह जरूरी है.
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