EPFO में मिलेगी न्यूनतम पेंशन 1,000, वेतन सीमा बढ़कर 15,000 हुई
कर्मचारी भविष्य निधि योजना संगठन की पेंशन योजना में मासिक पेंशन को कम से कम 1,000 रुपए करने की अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
कर्मचारी भविष्य निधि योजना संगठन |
इसके साथ ही कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण उपाय के तहत ईपीएफ के लिए अधिकमत वेतन सीमा भी बढ़ाकर 15,000 रुपए कर दी गई है.
ये फैसले 1 सितंबर से लागू होंगे.
कर्मचारी पेंशन योजना 1995 ‘ईपीएस-95’ में न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपए करने से तत्काल ही 28 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा जिन्हें अभी कम पेंशन मिलती है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का अंशधारक बनने की पात्रता के लिए वेतन सीमा को 6,500 रुपए मासिक से बढ़ाकर 15,000 रुपए करने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी इस योजना के दायरे में आ जाएंगे.
केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान ने कहा ‘सरकार ने वेतन सीमा बढ़ाकर 15,000 प्रति माह किए जाने, ईपीएस-95 के तहत न्यूनतम मासिक वेतन 1,000 रुपए और कर्मचारी की ईपीएफ जाम से संबद्ध बीमा योजना के तहत अधिकतम अधिकतम बीमित राशि तीन लाख रुपए करने की अधिसूचना जारी कर दी है.’
जालान ने कहा ‘अब ईडीएलआई के तहत अधिकतम बीमा राशि 3.6 लाख रुपए हो जाएगी जिसमें अधिसूचना के तहत तय राशि पर 20 प्रतिशत ‘60,000 रुपए’ का तदर्थ लाभ भी शामिल होगा.’
इसका अर्थ है कि यदि ईपीएफओ अंशधारक की मृत्यु होती है तो उनके परिवार को फिलहाल मिलने वाली 1.56 लाख रुपए की राशि जगह 3.6 लाख रुपए मिलेंगे.
जालान ने कहा कि न्यूनतम पेंशन, वेतन सीमा और ईडीएलआई संबंधी अधिसूचना 1 सितंबर से प्रभावी होगी.
इस तरह उन सभी पेंशनधारकों को जिन्हे फिलहाल 1,000 रुपए प्रतिमाह से कम पेंशन मिल रहा है, उन्हें अक्टूबर से कम से कम इतनी राशि मिलेगी.
ईपीएस-95 के तहत पात्रता प्रदान करने का फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 फरवरी को लिया था. लेकिन इसे चुनावी आचार संहिता लागू होने के कारण लागू नहीं किया जा सका था.
इस फैसले से फौरन करीब 28 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा जिनमें 5 लाख विधवाएं शामिल होंगी.
कुल मिलाकर ईपीएफओ के दायरे में 44 लाख पेंशनभोगी आते हैं.
ईपीएफओ की निर्णय करने वाली उच्चतम संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 5 फरवरी को बैठक की थी और इसके लिए ईपीएस-95 योजनाआ में संशोधन का फैसला किया था.
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