अच्छी खबर
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक अच्छी खबर है कि देश के आठ बुनियादी उद्योगों (कोर सेक्टर) की वृद्धि दर बीते मार्च माह में सोलह माह के सर्वाधिक उच्च स्तर 6.4 प्रतिशत पर पहुंच गई.
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निश्चित ही इससे अरसे से सुस्त पड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर होने की उम्मीद जगी है. कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और विद्युत को अर्थव्यवस्था के आठ बुनियादी क्षेत्रों में शुमार किया जाता है.
इन क्षेत्रों को बुनियादी क्षेत्रों में गिना जाता है, क्योंकि देश के औद्योगिक उत्पादन में इनका योगदान 38 प्रतिशत के करीब रहता है. नवम्बर, 2014 के बाद बुनियादी उद्योगों में यह सबसे तेज आर्थिक वृद्धि है. उस समय समग्र बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी.
यकीनन बुनियादी उद्योगों की यह दुरुस्ती मोदी सरकार की अनेक महत्त्वाकांक्षी योजनाओं के अच्छे से क्रियान्वयन में सहायक होगी. बिजली क्षेत्र को ही लें. सरकार ने बिजली से वंचित 18,452 गांवों को एक मई, 2018 तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. कहना न होगा कि बिजली क्षेत्र का सकारात्मक रुख रहने से इस लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा. चूंकि कोर सेक्टर के प्रत्येक उद्योग में लगातार मजबूती के संकेत हैं, इसलिए सरकार को अपनी तमाम योजनाओं को समयबद्ध ढंग से सिरे चढ़ाने में मदद मिलेगी.
सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह कि विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत किया जा सकेगा. अभी यह क्षेत्र सुस्त है, और विनिर्माण गतिविधियां अप्रैल माह में चार महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गई. बीते मार्च माह में इस क्षेत्र में मजबूत वृद्धि के बाद यह गिरावट दर्ज की गई. हालांकि इससे पूर्व लगातार तीन महीने इस क्षेत्र में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई थी. इन हालात में भारतीय रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों को नरम करने का दबाव बनेगा. केंद्रीय बैंक को सुनिश्चित करना होगा कि इस क्षेत्र में निवेशकों का आत्मविश्वास डगमगाने न पाए.
विनिर्माण क्षेत्र के लिए राहत की बात यह है कि जिन बुनियादों क्षेत्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया है, उनमें रिफाइनरी और उर्वरक क्षेत्रों के साथ ही सीमेंट क्षेत्र भी शामिल है. बहरहाल, बुनियादी क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन से पक्की बात है कि नये क्षेत्रों में अभी वृद्धि की जो रफ्तार थम-सी गई है, उसमें रवानी आ सकेगी. कहा जाना चाहिए कि समग्र रूप से अर्थव्यवस्था के लिए मुफीद हालात बन सकेंगे.
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