मजबूत रहे न्यायपालिका

Last Updated 17 Apr 2024 01:36:37 PM IST

अब की बार पूर्व न्यायाधीशों ने ‘न्यायपालिका को अनावश्यक दबाव से बचाने के लिए’ देश के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है।


सुप्रीम कोर्ट के चार और हाई कोर्ट के 17 पूर्व न्यायाधीशों ने किसी का नामोल्लेख किए बिना आरोप लगाया है कि कुछ लोग यानी वकील ‘अपने संकीर्ण राजनीतिक हितों एवं व्यक्तिगत लाभों से प्रेरित होकर न्यायिक संस्था को कमजोर करने में लगे हैं’।

जस्टिस चंद्रचूड़ से ऐसे तत्वों के झांसे में न आकर न्यायिक गरिमा को अक्षुण्ण रखने का आह्वान किया गया है।

इसी तरह की भाषा-शैली में आज से तीन हफ्ते पहले सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालयों के 600 अधिवक्ताओं, जिनमें हरीश साल्वे जैसे दिग्गज शामिल थे, ने जस्टिस चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा था। इसमें भी न्यायपालिका के सामने आ रही वैसी ही कठिनाइयों का जिक्र किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी जड़ कांग्रेस की ‘प्रतिबद्ध न्यायपालिका बनाने की मानसिकता’ में बताया था तो उजागर हुआ था कि पत्र का ताल्लुक कांग्रेसी विचारधारा के अधिवक्ताओं से है, जो पीठ या न्यायाधीशों पर मनमाफिक फैसले के लिए ‘अनुचित दबाव और प्रभाव’ डालते हैं।

पत्र पर दस्तखत करने वाले जस्टिस ढींगरा ने एक इंटरव्यू में कपिल सिब्बल का नाम लेते हुए कहा है कि वे मामले में ‘पैरवी के दौरान केस की मेरिट पर दलीलें न देकर कहने लगते हैं कि अगर इसे छोड़ा नहीं गया तो बवाल हो जाएगा’ आदि।

इसी समूह में प्रशांत भूषण और अभिषेक मनु सिंघवी के भी नाम हैं। और भी नाम हो सकते हैं। ये लोग पहले इजलास के अंदर और इसके बाहर इंटरव्यू एवं लेखों के जरिए उन फैसले को सरकार के दबाव में दिया बता कर उनकी अतार्किक आलोचनाएं करते हैं, जो उनके विरोध में आए होते हैं।

इससे न्यायपालिका पर खामख्वाह दबाव बनता है। एक बार जस्टिस चेलमेर ने भी ‘इन करोड़ी समूह के अधिवक्ताओं से दिक्कत’ बताई थी।

न्यायिक क्षेत्र-निचली से लेकर सर्वोच्च अदालत तक-में हाल के दशकों में यह एक फेनोमिना के रूप में विकसित हुआ है। इसमें मनचाही खंडपीठ के लिए तो पीठ बदलने के लिए जोर-जबर्दस्ती की जाती है। इस समस्या का समूचा हिस्सा न्यायालीय ही नहीं है।

राजनीतिक विचारधारा और सबसे अधिक उसकी सत्ता भी है। दबावकारी प्रवृत्ति बढ़ी है तो इसकी वजह कुछेक न्यायाधीशों में सत्ता के नजदीक जाने की कमजोरी भी है। यह दबाव से काम करा ले जाने का साहस पैदा करता है।



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