जहां मिली लाश, वहीं अंतिम संस्‍कार

जहां मिली लाश, वहीं हो रहा अंतिम संस्‍कार

नेपाल में भूकंप से 4500 से भी ज्‍यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. अनुमान है कि यह आंकड़ा 15 हजार के भी पार जा सकता है. शवों की बढ़ती संख्या की वजह से महामारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. इसलिए स्थानीय प्रशासन ने तय किया है कि लाश जहां से निकाली जाए, वहीं आस-पास अंतिम संस्‍कार कर दिया जाए. उधर, खाना-पानी, पेट्रोल-डीजल आदि जरूरी चीजों के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस नाउम्‍मीदी के बीच कुछ ऐसी कहानियां भी सामने आ रही हैं, जो जिंदगी की उम्‍मीद जगाती हैं. सुनीता शिटौला की कहानी कुछ ऐसी ही है. सुनीता ने कहा, "मैं जीवन की आस छोड़ चुकी थी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी थी. जब भी आसपास कोई आवाज होती तो मैं मदद की गुहार लगाती." काठमांडू में शनिवार दोपहर को आए भीषण भूकंप में पांच मंजिला बिल्डिंग के गिर जाने से सुनीता मलबे में दब गई थीं. उन्‍हें सोमवार रात जिंदा निकाला गया. करीब 36 घंटे बिना खाना-पानी के रह कर भी सुनीता सकुशल बाहर निकली हैं.

 
 
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