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- भारतीय नहीं पूरी तरह अमेरिकी हूं
उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट तौर पर यह कह रहा हूं कि देशों के लिए यह पूरी तरह से तर्कसंगत है, कि वे अपने देश में लोगों को आने की अनुमति देते हुए यह भेद कर सकें कि आने वाले लोग इस देश की संस्कृति को अपनाना चाहते हैं या इस देश की संस्कृति को नष्ट करना या इसके भीतर ही एक अलग संस्कृति की स्थापना करना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक संप्रभु देश के लिए यह पूरी तरह तर्कसंगत और यहां तक कि जरूरी है कि वह यह भेद कर सके कि कौन लोग उनसे जुड़ना चाहते हैं और कौन उन्हें बांटना चाहते हैं. आव्रजन की नीति का किसी व्यक्ति की त्वचा के रंग से कोई मतलब नहीं होना चाहिए. मुझे लगता है कि जो लोग त्वचा के रंग के बारे में चिंता करते हैं, वे सबसे कम समझ वाले होते हैं. मेरा उससे कोई वास्ता नहीं है.’’
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