ऑटिज्म-आनुवांशिक बदलावों के बीच संबंध

Photos: वैज्ञानिकों को मिला ऑटिज्म और आनुवांशिक बदलावों के बीच संबंध

वैज्ञानिकों ने दिमाग के जीन को सक्रिय करने के लिए जिम्मेदार डीएनए के ऐसे कुछ हिस्सों में ऑटिज्म और आनुवांशिक बदलावों के बीच संबंध की खोज की है. वैज्ञानिकों ने मानव मस्तिष्क पर किए गए दुनिया के ऐसे पहले अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला जिसमें उन्होंने ऐसे 100 से अधिक डीएनए खंडों की पहचान की जिन्हें विशेष गुण प्रदाता कहा जाता है. माना जाता है कि ये मस्तिष्क में जीन की गतिविधियों को नियंत्रित कर सामान्य विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (यूएनएसडब्ल्यू) के स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोमॉलेक्यूलर साइंसेस में अध्ययन की मुख्य लेखिका इरिना वोईनीगू ने कहा, ‘‘मानव के दिमाग में जीन की कार्य प्रणाली पर हमारा अध्ययन खास तरह की सूचना देता है जो ऑटिज्म और इससे संबंधित न्यूरोलॉजिकल विकारों के मूल आधार का खुलासा करने में मदद कर सकता है.’’ जीन के परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए ऑटिज्म सहित आनुवांशिक कारणों से होने वाली बीमारियों पर कई शोध किए गए हैं. ये जीन के वैसे हिस्से हैं जो कोशिका में प्रोटीन निर्माण के लिए ब्लू प्रिंट रखते हैं. हालांकि, मानव के पूरे आनुवाशिंक कोड के लिए डीएनए का प्रोटीन-कोडिंग पांच प्रतिशत से भी कम के लिए होता है. वोईनीगू ने बताया, ‘‘बाकी के डीएनए बेकार नहीं होते. इसके कुछ खंड विशेष गुण प्रदाता- नियंत्रक होते हैं. कब और किस समय शरीर के किस हिस्से को नियंत्रित करना है, तभी ये जीन सक्रिय हो उठते हैं.’’

 
 
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