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- धीरे-धीरे सिमट रही हैं जिंदगी

राहत कार्यों की शुरूआत तो मंगलवार देर रात से ही हो गई थी लेकिन हजारों लोग शिविरों में इंतजार करते रहे. उन्हें यह भी नहीं पता था कि उनके घर बचे भी हैं या नहीं. बिजली के बिना ठिठुर रहे लोगों की संख्या अब 70 लाख है, जो पहले करीब 80 लाख थी.
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