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- अगर पहना बुर्का तो लगेगा जुर्माना
इस प्रस्ताव को पेश करने वाले जियार्जियो गिरिंघेली ने कहा कि इस रिफरेंडम के नतीजे देश के इस्लामिस्ट फंडामेंटलिस्ट्स के लिए एक संदेश है. उन्होंने कहा कि जो लोग समानता चाहते हैं, वो अपने धर्म को अलग रख इसका फैसले का स्वागत करेंगे. लेकिन जो लोग धार्मिक नियमों के आधार पर समानांतर समाज बनाना चाहते हैं. उनके लिए इसे स्वीकार करना मुश्किल होगा. वहीं, एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे तिसिनो में ह्यूमन राइट्स के लिए इसे काला दिन बताया.
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