शावेज,एक सदी का अंत

शावेज, एक सदी का अंत

वर्ष 1998 के चुनावों के बाद शावेज सत्ता पर काबिज हुए. अपने ज्यादातर पड़ोसी मुल्कों की तुलना में वेनेज़ुएला में साल 1958 से ही लोकतांत्रिक सरकारें रही हैं. लेकिन सत्ता पर बारी-बारी से काबिज होते रहे देश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों पर भ्रष्टाचार और देश की अतुल तेल सम्पदा का दोहन के आरोप लगते रहे. शावेज हमेशा से ही अंतरराष्ट्रीय पूंजीवाद के खिलाफ हमला बोलते रहते थे. एक बार चर्च के नेताओं के साथ भी शावेज भिड़ गए थे. 11 सितंबर 2001 के बाद बुश प्रशासन ने अफगानिस्तान युद्ध के दौरान कड़ा रवैया अपनाया तो शावेज ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वो आतंक से निपटने के लिए आंतक का ही इस्तेमाल कर रहा है. इस दौरान शावेज ने अमेरिका के नाक में दम कर दिया था. इससे दोनों देशों के संबंध और भी खराब हो गए.साल 2002 में राजनीति में फिर से एक बदलाव आया. एक विद्रोह के जरिए शावेज को कुछ दिनों के लिए सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. शावेज ने इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि उन्हें फंसाया जा रहा है.इसके बाद साल 2006 का राष्ट्रपति चुनाव भी उन्होंने जीत लिया. शावेज की सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं समेत कई क्षेत्रों के विकास के लिए कार्यक्रमों की शुरुआत की.

 
 
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