अजीबो-गरीब थे इनके शौक

Pics : अजीबो-गरीब शौक के किस्से

कवि चार्ल्स थेवेन्यू साइमन कविता लिखने से पहले 24 घंटे तक बिस्तर में जोर-जोर से दिमाग को हिलाता था. रामवृक्ष बेनीपुरी सिगरेट पी-पीकर कविता सोचते थे. उनके अनुसार सिगरेट के धुंए के छल्लों के रास्ते सरस्वती दिमाग तक पहुंचती है. गजानंद माधव मुक्तिबोध रेलवे स्टेशन पर खड़े होकर एक के बाद एक धकाधक बीड़ी पीते थे. साहित्यकार डॉ. जॉनसन सुबह की सैर पर जाते तो हर विद्युत पिलर को छूते-गिनती करते जाते. कहीं गिनती भूल जाते तो वापस लौटकर फिर एक से शुरू करते.

 
 
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