कांस्य पदक मेरी 12 सालों की मेहनत का नतीजा: साक्षी

कांस्य पदक मेरी 12 सालों की मेहनत का नतीजा: साक्षी

इस्तांबुल में हुए दूसरे ओलंपिक खेल वि क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिये क्वालीफाई करने वाली साक्षी ने सामाजिक पूर्वाग्रहों और लैंगिक भेदभाव से जूझते हुए कुश्ती सीखी। उन्हें नौ साल की उम्र में खेलना शुरू किया था। साक्षी ने कहा, ‘‘यह पदक मेरे माता पिता, कोच, ट्रेनिंग पार्टनर से लेकर मेरे साथ खड़े रहे हर व्यक्ति को समर्पित है। यह उनके समर्थन का नतीजा है। मुझपर विश्वास करें, महिलाएं पदक जीत सकती हैं।’’ उन्होने ने कहा, ‘‘मुझे अंत अंत तक पता था कि मैं पदक जीत सकती हूं, मैंने कोशिश जारी रखी। मैं आत्मविास से लबरेज थी और यह पदक इन सालों के मेरे संघर्ष का नतीजा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इतने समर्थन के लिए आप भारतीयों का बहुत बहुत शुक्रिया।’’

 
 
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