- पहला पन्ना
- खेल
- रिचर्डस-गावस्कर का मिश्रण बनना चाहता था तेंदुलकर

उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट के प्रति दीवानगी बहुत जरूरी है. आपने कितने समय अभ्यास किया या कितनी गेंद खेली या कितनी गेंद फेंकी आप इसको नहीं गिन सकते. आप गिन नहीं सकते. आप अपनी घड़ी नहीं देख सकते. आपके केवल और केवल अभ्यास करना है.’’ इस स्टार बल्लेबाज ने कहा, ‘जब मैं आपकी उम्र का था तो मैं लंबे समय तक अभ्यास करता था. मैं सुबह साढ़े सात बजे अभ्यास शुरू करता था और शाम को साढ़े सात बजे तक करता रहता था. मेरे कोच को मेरा किट बैग बांधकर वापस भेजना पड़ता था. वह मुझसे कहते थे कि अब क्रिकेट खेलने के लिये काफी अंधेरा हो गया है और हम सभी घर जाना चाहते हैं.’’
Don't Miss