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- PICS: अपार संभावनाओं से भरी सैन्य सेवा

यूनिवर्सिटी स्तर पर भी है स्कीम यूनिवर्सिटी या कॉलेज स्तर पर इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र भी इसमें आवेदन करके इस सेवा में काम के मौके तलाश सकते हैं. वे तकनीकी शाखा में बतौर कमीशंड ऑफिसर भर्ती हो सकते हैं. आमतौर पर यहां चयन साक्षात्कार के आधार पर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड के जरिए होता है. अन्य विकल्पों के रूपों में बारहवीं में साइंस जिन्होंने गणित, भौतिकी और रसायन पढ़ी है वे भी तकनीकी शाखा में भर्ती हो सकते हैं. उनका चयन सीधे इंडियन मिलिट्री सर्विस के लिए किया जाता है. उनके लिए हर साल जनवरी और जुलाई में कोर्स शुरू कराया जाता है. अन्य विकल्प में सरकार ने विशेष समर्थन के लिए विशेष कमीशन अधिकारी का भी प्रावधान किया है. इसके तहत आनेवाले पद जूनियर कमीशन अधिकारी के रूप में भरे जाते हैं. इसमें जेसीओ, एनसीओ और ओआर के रूप में काम करने के लिए भर्ती की उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए. जो अभ्यर्थी बतौर डॉक्टर थल सेना में जाना चाहते हैं उन्हें बारहवीं पास ऑल इंडिया मेडिकल के जरिए आर्म्स फोर्सेज मेडिकल कॉलेज में दाखिले का मौका मिलता है. चार साल का कोर्स पूरा करने पर उन्हें सैन्य सेवा में डॉक्टर के रूप में काम करने का मौका मिलता है. शुरू में कैप्टन का पद मिलता है. इसी तरह सैन्य सेवा में बारहवीं पास छात्रों को इंजीनियरिंग शाखा में भी भर्ती होने का मौका मिलता है. वहां चार साल का कोर्स पूरा करने के बाद बीटेक डिग्री दी जाती है. इसमें बतौर इंजीनियर काम करना होता है. अगर पहले से मेडिकल यानी एमबीबीएस या बीटेक डिग्री है तो वे भी इस क्षेत्र में आने के लिए आवेदन कर सकते हैं.उन्हें चयन प्रक्रिया के बाद यहां काम करने का मौका मिलता है.