यौनकर्मियों की भी मांग

 यौनकर्मी भी निर्धारित करेंगी देश की नीतियां!

एआईएनएसडब्ल्यू के सलाहकार स्माराजित जना ने कहा कि इनका मुख्य मुद्दा है कि नीति बनाने में उन्हें नजरअंदाज न किया जाए. जैसे कि एड्स और एचआईवी संक्रमण के बारे में नीति बनाने में उनकी राय भी ली जाए. ये चाहते हैं कि नीति बनाने के दौरान इनके प्रतिनिधि को बुलाया जाए. राष्ट्रीय राजधानी से आईं एक यौनकर्मी कुसुम ने कहा कि अगर घोषणापत्रों में हमारे समुदाय को महत्व नहीं दिया गया तो हम आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगी. उन्होंने कहा कि यदि उनके समुदाय को सरकार मान्यता दे देती है तब समाज भी उन्हें स्वीकार करना शुरू कर देगा.

 
 
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