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- शिक्षा में रुकावट न बने पैसे की कमी

आयकर में छूट: आयकर की धारा 80ई के तहत शिक्षा ऋण पर दिए गए ब्याज को आप अपनी आय में से घटा सकते हैं. यह लाभ जिस साल से आप ऋण वापसी की पहली किस्त देते हैं, उस वर्ष से लेकर केवल आठ वर्षो के दौरान ही ले सकते हैं. इसलिए यह अच्छा होगा कि आप अपने ऋण अदायगी की अवधि केवल आठ वर्ष ही रखें. यदि छात्र ने यह ऋण अपने नाम से लिया है तो वह आयकर में मिलने वाली छूट का लाभ ले सकता है. यदि माता-पिता ने यह ऋण अपने नाम से लिया है तो छात्र नौकरी लगने के बाद भी आयकर में छूट का लाभ नहीं ले पाएगा. इस मामले में एक बात और ध्यान देने योग्य है. बहुत से बैंक ऋण मंजूरी के समय आपको जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने का आग्रह करेंगे. इसका उद्देश्य यह है कि यदि छात्र की आकस्मिक मृत्यु हो जाती तो माता-पिता पर ऋण का बोझ न पड़े. ऐसे में ऋण का बकाया बीमा राशि से वसूल लिया जाएगा. लेकिन इसके लिए आप सिर्फ टर्म बीमा पॉलिसी ही लें न कि ऊंची लागत वाली अन्य बीमा पॉलिसी.