गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय

 गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय, गुरु की महिमा अपरंपार

गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर: गुरुर्साक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवैनम: गुरु अंधकार में पड़े शिष्य को अपने प्रकाश रूपी ज्ञान से सिंचता है और उसका पथ प्रदर्शक बनता है.

 
 
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