- पहला पन्ना
- अन्य
- गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय

गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर: गुरुर्साक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवैनम: गुरु अंधकार में पड़े शिष्य को अपने प्रकाश रूपी ज्ञान से सिंचता है और उसका पथ प्रदर्शक बनता है.
Don't Miss