गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय

 गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय, गुरु की महिमा अपरंपार

गुरु के लिए तो हृदय में हमेशा सम्मान रखना ज़रूरी है. गुरु के बिना गति नहीं होती,मतलब गुरु के बिना जीवन की गाड़ी में ब्रेक लग जाता है. गति गुरु से ही है. और हमारे चारों तरफ मौजूद चीजें जो हमें कुछ भी सीख देती हैं,वह हमारी गुरु हैं.

 
 
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