आंगन से क्यों गायब हो रही नन्ही गौरैया?

गौरैया संरक्षण दिवस: आंगन से क्यों गायब हो रही नन्ही गौरैया

भारत से उठी गौरैया संरक्षण की आवाज : दुनियाभर में कई तरह के खास दिन हैं ठीक उसी तरह 20 मार्च का दिन भी गौरैया संरक्षण के लिए निर्धारित है. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा की इसकी शुरुआत सबसे पहले भारत के महाराष्ट्र से हुई. गौरैया गिद्ध के बाद सबसे संकटग्रस्त पक्षी है. दुनियाभर में प्रसिद्ध पर्यावरणविद मोहम्मद ई. दिलावर नासिक से हैं. वह बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी से जुड़े हैं. उन्होंने यह मुहिम वर्ष 2008 से शुरू किया. आज यह दुनिया के 50 से अधिक मुल्कों तक पहुंच गई है. गौरैया के संरक्षण के लिए सरकारों की तरफ से कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखती है. हालांकि उप्र में 20 मार्च को गौरैया संरक्षण दिवस के रूप में रखा गया है.

 
 
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