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- आंगन से क्यों गायब हो रही नन्ही गौरैया?

दिलावर के विचार में गौरैया संरक्षण के लिए लकड़ी के बुरादे से छोटे-छोटे घर बनाएं जाएं और उसमें खाने की भी सुविधा भी उपलब्ध हो. गौरैया के विलुप्त होने का कारण वे बदलती आबोहवा और केमिकल के बढ़ते उपयोग को मानते हैं. उनके विचार में मोर की मौत की खबर मीडिया की सुर्खियां बनती हैं, लेकिन गौरैया को कहीं भी जगह नहीं मिलती. वह कहते हैं कि अमेरिका और अन्य विकसित देशों में पक्षियों का ब्यौरा रखा जाता है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है. उन्होंने पक्षियों के संरक्षण के लिए कॉमन बर्ड मॉनिटरिंग ऑफ इंडिया के नाम से साइट बनाई है, जिस पर आप भी पक्षियों से संबंधी जानकारी और आंकड़ा दे सकते हैं. कुछ सालों से उनकी संस्था गौरैया को संरिक्षत करने वालों को स्पैरो अवार्डस देती है. शहरों और ग्रामीण इलाकों में घोसलों के लिए सुरक्षित जगह बनानी होगी. उन्हें प्राकृतिक वातावरण देना होगा.