आंगन से क्यों गायब हो रही नन्ही गौरैया?

गौरैया संरक्षण दिवस: आंगन से क्यों गायब हो रही नन्ही गौरैया

शहरों में भी अब आधुनिक सोच के चलते जहां पार्कों पर संकट खड़ा हो गया. वहीं गगन चुंबी ऊंची इमारतें और संचार क्रांति इनके लिए अभिशाप बन गई. शहर से लेकर गांवों तक मोबाइल टावर एवं उससे निकलते रेडिएशन से इनकी जिंदगी संकट में फंस गई है. देश में बढ़ते औद्योगिक विकास ने बड़ा सवाल खड़ा किया है. फैक्ट्रियों से निकले केमिकल वाले जहरीले धुएं गौरैया की जिंदगी के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं. उद्योगों की स्थापना और पर्यावरण की रक्षा को लेकर संसद से सड़क तक चिंता जाहिर की जाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह दिखता नहीं है. कार्बन उगलते वाहनों को प्रदूषण मुक्त का प्रमाण-पत्र चस्पा कर दिया जाता है, लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है.

 
 
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