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- मंदिर में 'चुपके चुपके रात दिन...'

बुधवार देर रात अपने पुत्रों अमान और अयान के साथ प्रस्तुति देने वाले अमजद अली खान ने कहा, ‘संगीत एक सार्वभौमिक भाषा है जो सभी सीमाओं और विश्वभर के लोगों को आपस में जोड़ती है. इसकी कोई जाति या मजहब नहीं है. भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बावजूद हमारा संगीत अब भी विश्वभर में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत कहा जाता है.’
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