क्या सिद्धू की आवाज-ए-पंजाब से अन्य पार्टियों को डरना चाहिए?

क्या सिद्धू की आवाज-ए-पंजाब से अन्य पार्टियों को डरना चाहिए?

अकाली-भाजपा गठबंधन: अकाली-भाजपा गठबंधन के लिए सत्ता विरोधी लहर को रोकना एक बड़ी चुनौती है. इसमें कोई दो राय नहीं कि पंजाब में अकाली सरकार की लोकप्रियता में कमी आई है. पंजाब में बेरोजगारी और नशे का कारोबार हमेशा से ही मुख्य चुनावी मुद्दा रहा है. इन मुद्दों को लेकर अकाली सरकार यहां पूरी विफल रही है और लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी साफ नजर आती है. इतना ही नहीं पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है. किसानों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बेरोजगारी के चलते सीमा पार तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है. इस सबके चलते भाजपा की लोकप्रियता में कमी आई है. ऐसे में सिद्धू की पार्टी लोगों की नई उम्मीद हो सकती है.

 
 
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