क्या सिद्धू की आवाज-ए-पंजाब से अन्य पार्टियों को डरना चाहिए?

क्या सिद्धू की आवाज-ए-पंजाब से अन्य पार्टियों को डरना चाहिए?

आप: राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने वाले भाजपा के पूर्व नेता सिद्धू को लेकर अटकलें थीं कि वह आप में शामिल हो सकते हैं. आप ने उन्हें लुभाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन दोनों पक्ष किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके. सिद्धू के इस कदम ने पहले ही कई मुश्किलों से जूझ रही आप की परेशानी और बढ़ा दी है. राज्य में आप की शुरुआत बेहतरीन रही. आप ने राज्य की अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के राज में गुंडई, नशा माफिया, दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और एक बेहतर विकल्प बनकर उभरी.

 
 
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