- पहला पन्ना
- राष्ट्रीय
- ममता का विराट स्वरूप
12 वर्ष की अवस्था में ही उन्होंने अपने हृदय की आवाज पर समाज को अपना जीवन समर्पित करने का फैसला कर लिया था. मदर टेरेसा ने जो किया वह इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया. आज जब वह हमारे बीच नहीं हैं फिर भी पूरी दुनिया में जिंदादिली के लिए उनकी मिसाल दी जाती हैं. समाज सेवा और मानव सेवा के क्षेत्र में उन्होंने जो किया वह शायद ही कोई कर पाए.
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