Pics:नहीं रहीं सितारा देवी

मशहूर कथक नृत्यांगना सितारा देवी का मुंबई में हुआ निधन

सितारा देवी ने अपने पिता के संग्रहीत विषयों, कविताओं और नृत्यशैली को अपने नृत्य में उकेरा था. चाहे गांव का माहौल हो या शहर का, उन्होंने अपने नृत्य के लिए आसपास के वातावरण से प्रेरणा ली. सितारा देवी के जीवन के आसपास रहने वाले चरित्र उनके नृत्य में जीवंत हो उठते थे. वह अक्सर कहा करती थीं, ‘‘मैं बस रियाज से कृष्ण-लीला की एक कथाकार हूं.’’ कथक का अर्थ ही होता है ‘कथा’ जो कृष्ण मंदिरों में विकसित हुआ और मुस्लिम राजाओं के दरबार में अपनी बुलंदियों पर पहुंचा. सितारा देवी की जड़ें इन्हीं ‘कथाकारों’ या आरंभिक कथक नर्तकों तक जाती है.

 
 
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