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- यहां दशहरे पर होती है रावण की पूजा

दशानन मंदिर में कार्यक्रम संयोजक तिवारी कहते है कि पिछले करीब 123 सालों से रावण की पूजा की परंपरा का पालन हो रहा है. चूंकि कैलाश मंदिर परिसर में भगवान शिव का मंदिर भी है इसलिये शिव मंदिर में जल चढ़ाने और पूजा अर्चना करने आने वाले भक्तगण शिव की पूजा के बाद रावण के मंदिर में पूजा अर्चना करते है और जल चढ़ाते हैं और शिव भक्ति का आशीर्वाद मांगते हैं.
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