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- जानें, चक्रवातों के नामकरण की दिलचस्प कहानी
भारतीय मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक अजीत त्यागी के मुताबिक अटलांटिक क्षेत्र में हरिकेन और चक्रवात का नाम देने की परंपरा 1953 से ही जारी है जो मियामी स्थित नेशनल हरिकेन सेंटर की पहल पर शुरू हुई थी. इसकी देखरेख जिनेवा स्थित विश्व मौसम संगठन करता है.
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