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- ‘लज्जा में इस्लाम की आलोचना नहीं’
इस ताजा अंक के लिए अनुवाद सामाजिक कार्यकर्ता-लेखिका अंचिता घटक ने किया है और किताब का प्रकाशन पेंग्विन बुक्स इंडिया ने किया है. 52 वर्षीय नसरीन कहती हैं कि जब तक एक धर्म के लोगों का दूसरे धर्म के लोगों के साथ संघर्ष बना रहेगा और जब तक इस किताब में वर्णित घटनाएं होती रहेंगी तब तक ‘लज्जा’ प्रासंगिक बनी रहेगी.
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