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- अब भी जारी है शर्मिला की तपस्या
शर्मिला के बड़े भाई सिंहजीत ने कहा कि उनकी मां अपनी बेटी की जीत के क्षण का इंतजार कर रही हैं. यह क्षण तभी आ सकता है, जब अफस्पा हटा दिया जाए. एक दूसरे से कुछ ही मीटर की दूरी पर रहने के बावजूद मां और बेटी इन वर्षों में एक ही बार मिली हैं. यह मुलाकात भी तब हो सकी थी, जब मां को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शर्मिला को यहीं पर पुलिस हिरासत के तहत नाक में नली से जबरन भोजन दिया जा रहा था.
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