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- अब भी जारी है शर्मिला की तपस्या

सिंहजीत याद करते हुए कहते हैं कि 2009 में उनकी मां अस्थमा अटैक के बाद कोमा में चली गई थीं. उन्होंने कहा, ‘शर्मिला को उनकी मौत का डर था इसलिए वह आधी रात को उसी अस्पताल में भर्ती अपनी मां के वॉर्ड में चली गईं. जब वह मां के चेहरे के करीब गईं तो उनकी मां को अचानक होश आ गया. लेकिन हमारी मां ने उसे फौरन वापस चले जाने के लिए कह दिया था.’ प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता शर्मिला बिना कुछ कहे एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह वहां से चली गईं.
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