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- 42 साल वह जिंदा होकर भी जिंदा न थी

पिंकी ने अरूणा की मौत की खबर पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा ‘‘आखिरकार इतने पीड़ादायी वर्षों के बाद अरूणा को न्याय मिला. उसे मुक्ति और शांति मिल गई.’’ उन्होंने कहा ‘‘जाते जाते अरूणा भारत को महत्वपूर्ण ‘पैसिव यूथनेशिया’ कानून दे गईं.’’ केईएम अस्पताल के डीन डॉ अविनाश सुपे ने बताया कि हाल ही में उसे निमोनिया होने का पता चला और उसे जीवन रक्षक पण्राली पर रखा गया. जांच में पता चला कि अरूणा को फेफड़ों में संक्रमण था. उसे नलियों की मदद से भोजन दिया जाता था.
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