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- अद्भुत मन्दिर जहां दी जाती है रक्तहीन बलि

इसके अनुसार 1838 ई. से लेकर 1904 के बीच ब्रिटिश विद्वानों आरएन मार्टिन फ्रांसिस बुकानन व ब्लाक ने मंदिर का भ्रमण किया. ब्लाक ने 1903 में मंदिर परिसर के शिलालेख का एक खंड प्राप्त किया. इससे पहले इसका एक खंड 1892 में खोजा गया था. 1790 ई में दो चित्रकारों थामस एवं विलियम डेनियल ने इस मंदिर का चित्र बनाया. चित्र पटना संग्रहालय में सुरक्षित है.
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