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- हमेशा Sex घूमता था दिमाग में!

अपनी किताब में खुशवंत ने लिखा है, ‘‘मैं कभी भी उस भारतीय आदर्श को मान नहीं पाया कि महिलाओं को मां, बहन या बेटी के तौर पर देखें. उनकी चाहे जो उम्र रही हो, मेरे लिये वे वासना की वस्तु रहीं और हैं.’’साथ ही उन्होंने कहा कि वह 98 वर्ष की उम्र में रोज शाम सात बजे व्हिस्की का मजा लेने और लजीज व्यंजन खा पाने के कारण खुद को भाग्यशाली मानते हैं.
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