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- आम आदमी बनना आसान नहीं

फिलहाल आप में शामिल होने का इरादा टाल दिया- कई सालों से भाजपा का झंडा ढो रहे थे. कुछ हासिल नहीं हुआ. पार्टी ने पार्षद के लायक भी नहीं समझा. ऊपर से कोई टपकता है और टिकट लेकर चुनाव लड़ लेता है. बेचारा कार्यकर्ता तो कार्यकर्ता बनकर ही रह जाता है. भाजपा में भविष्य तलाशते-तलाशते कुछ लोग आप में प्रवेश पाने के इच्छुक हो चले थे. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को मिली सफलता से वे खुश नजर आ रहे थे और भाजपा को कोस भी रहे थे. आये दिन आप कार्यालय के बाहर चक्कर काट रहे कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं से पूछा गया कि आप में कब तक शामिल हो रहे हो तो उनका जवाब था, कुछ दिन ठहर जाओ भाई साहब... अभी आप का माहौल भी ठीक नहीं दिख रहा है. जनता के बीच आप का माहौल बिगड़ रहा है. कहीं ऐसा न हो कि आप की टोपी पहनकर क्षेत्र में निकलें और लोग दौड़ाने लगें.
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